प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है। इसे अक्सर हम अपने खाने में भूल जाते हैं। नतीजा यह कि हमारे अंगों को काम करने में परेशानी होने लगती है। प्रोटीन के हमारे शरीर में कई काम है- जैसे हार्मोन और एंजाइम बनाना, मसल्स, हड्डियां, त्वचा, बाल और मस्तिष्क को सही रखना। समस्या शुरू होने पर भी हम यह अंदाजा नहीं लगा पाते कि हमारे शरीर में प्रोटीन का स्तर कम हो गया है। हमारा शरीर संकेत देता है, पर हम समझ नहीं पाते। इसका एक उदाहरण है- वजन बढ़ना। जब हमारा वजन बढ़ता है, तो हम भरसक कोशिश करते हैं इसे कम करने की। बिना इस बात को जाने कि हमारे शरीर में प्रोटीन का स्तर है क्या?
शरीर में प्रोटीन का कम स्तर वजन बढ़ा कर पाचन क्रिया कम कर देता है। हम किसी भी काम पर ध्यान नहीं दे पाते और हर पल थकान महसूस करते हैं। इस बात के लिए हम ज्यादा काम को दोषी ठहराते हैं, मगर वजह कुछ और ही होती है। शरीर में प्रोटीन की कमी स्वास्थ्य संबंधी समस्या खड़ी कर सकती है। प्रोटीन की कमी शरीर को लो ब्लड शुगर स्तर और मोटापा संबंधित बीमारी दे सकती है।
शरीर में प्रोटीन की कम मात्रा हमें खाने के प्रति ज्यादा आकर्षित करती है। प्रोटीन की कमी हमें अनहेल्दी फूड और कुपोषित खाने के प्रति आकर्षित करती है। इससे भोजन में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। कैंडीज, चॉकलेट, पास्ता, चिप्स, शीतल पेय आदि ऐसे भोजन में शामिल होते हैं। अगर आप भी इन खानों की तरफ खिंचे चले जाते हैं, तो यह संकेत है कि आपके शरीर में प्रोटीन की कमी है।
प्रोटीन की कमी से जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है। जोड़ों में मौजूद सिनोवियल तरल पदार्थ प्रोटीन से बना होता है। यह तरल पदार्थ जोड़ों को लचीला बनाता है और मांसपेशियों को दुबारा बनाने में मदद करता है। प्रोटीन की कमी के कारण यह तरल पदार्थ कम बनता है जिससे मासंपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है।
प्रोटीन की कमी से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है जिससे स्वभाव में फर्क पड़ता रहता है। चिड़चिड़ापन और मानसिक तनाव हमारी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। शरीर में शुगर लेवल की कम मात्रा हमारे शरीर को थका सा महसूस कराता है। हमारा शरीर मानसिक और शारीरिक थकान का मुकाबला करने में असहाय महसूस करता है। किसी भी काम में ध्यान नहीं लग पाता।
शरीर में प्रोटीन की कम मात्रा से नींद पर भी असर पड़ता है। रात में कई बार हमारी नींद खराब होती है और हम उठ जाते हैं। यह इसलिए होता है कि हमारा शरीर मीठी चीजों और कार्बोहाइड्रेट के लिए लालच करता है जो दिमाग को रिलैक्स नहीं करने देता।
बार-बार बीमार पड़ना भी शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण होता है। प्रोटीन की कमी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है। संक्रमण से लड़ने वाला इम्यूनोग्लोबुलिन प्रोटीन से बना होता है। शरीर में प्रोटीन की कमी से वाइट ब्लड कोशिकाएं भी कम होने लगती हैं, जो शरीर में संक्रमण से रोकने में सहायक है। इसलिए अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो प्रोटीन की जांच जरूर कराएं।
प्रोटीन की कमी का असर दिमाग पर पड़ता है। न्यूरॉन और दूसरे मस्तिष्क के रासायनिक ग्राही प्रोटीन से ही बने होते हैं। हमारे खाने में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा के कारण हमारा मस्तिष्क डोपामाइन नामक रसायन उत्सर्जित करता है जो हमारी एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है और हम अपना काम सही से कर पाते हैं।
प्रोटीन की कमी शरीर का वजन बढ़ने का कारण बनती है। इसलिए खाने में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन शामिल करें। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जो शरीर की मांसपेशियों को बनाता है और शरीर से वसा कम करता है। आपके खाने में ज्यादा प्रोटीन आपको स्लिम, ऊर्जावान और मानसिक रूप से फिट रखता है।