न्यूयॉर्क। अमेरिका के सैन एंटोनियो में गंभीर हमला करने के भारतीय मूल के आरोपी की पुलिस कार्रवाई के दौरान गोली लगने से मौत हो गई।
पुलिस अधिकारी सचिन साहू (42) को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान उसने अपने वाहन से दो अधिकारियों को टक्कर मार दी जिसके बाद पुलिस अधिकारी टायलर टर्नर ने उस पर गोली चला दी।
साहू मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला था।
सूत्रों ने बताया कि वह संभवत: अमेरिकी नागरिक था।
सैन एंटोनियो पुलिस विभाग ने मामले की जानकारी देते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि गंभीर हमले की सूचना मिलने के बाद 21 अप्रैल को शाम साढ़े छह बजे से ठीक पहले अधिकारियों को सैन एंटियागो के ‘चेविओट हाइट्स’ भेजा गया। वहां पहुंचने पर अधिकारियों को पता चला कि 51 वर्षीय महिला को एक वाहन से जानबूझकर टक्कर मारी गई है।
विभाग के अनुसार, संदिग्ध साहू घटनास्थल से फरार हो गया था। पीड़ित महिला को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। इसके बाद सैन एंटोनियो पुलिस ने साहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
पुलिस ने बताया कि कई घंटों बाद आरोपी के पड़ोसियों ने सूचना दी कि साहू लौट आया है जिसके बाद अधिकारी उसके घर पहुंचे। तभी साहू ने अपने वाहने से दो अधिकारियों को टक्कर मार दी। इसी दौरान एक अधिकारी ने अपने हथियार से साहू की ओर गोली चला दी। साहू को ‘‘मौके पर ही मृत घोषित’’ कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि एक घायल अधिकारी को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और दूसरे अधिकारी का घटनास्थल पर ही उपचार किया गया। अन्य कोई इस दौरान हताहत नहीं हुआ। मामले की जांच जारी है।
पुलिस प्रमुख बिल मैकमैनस ने बताया कि पुलिस ने अभी ‘बॉडीकैम फुटेज’ (शरीर पर पहने कैमरे की फुटेज) नहीं देखी है। इसे देखने के बाद और तथ्यों का पता चलने की उम्मीद है।
समाचार मंच ‘केन्स5.कॉम’ की एक खबर में साहू की पूर्व पत्नी लिआ गोल्डस्टीन के हवाले से बताया गया कि साहू को ‘बाइपोलर डिसऑर्डर’ था।
गोल्डस्टीन ने कहा, ‘‘वह पिछले 10 साल से इस बीमारी से पीड़ित थे। उनमें ‘सिजोफ्रेनिया’ के लक्षण भी थे।’’
‘बाइपोलर डिसऑर्डर’ एक ऐसा मानसिक रोग है जिससे पीड़ित व्यक्ति कभी खुशी व ऊर्जा से भरपूर महसूस करता है तो कभी अत्यधिक अवसाद में रहता है। ‘सिजोफ्रेनिया’ भी एक मानसिक बीमारी है जिसमें मरीज भ्रम की स्थिति में रहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह समझ नहीं पा रहे थे कि उनके साथ क्या परेशानी है। उन्हें आवाजे सुनाई देती थीं और वह भ्रम में रहते थे।’’
गोल्डस्टीन ने साहू को एक ‘‘अच्छा’’ पिता बताया।