देवी अहिल्याबाई का नाम सुनकर ही मन में उमड़ पड़ता है श्रद्धा का भाव, लोकमाता ने महिलाओं और गरीबों को बनाया सशक्त : प्रधानमंत्री

asiakhabar.com | May 31, 2025 | 5:51 pm IST

भोपाल/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित महिला सशक्तीकरण महा सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में इंदौर मेट्रो और सतना एवं दतिया एयरपोर्ट का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के अवसर पर उनकी याद में देश का पहला 300 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। 35 ग्राम वजनी इस सिक्के में चांदी की मात्रा 50 प्रतिशत है। इसमें एक तरफ अहिल्याबाई का फोटो है। यह देश-दुनिया में जारी होने वाला ऐसा पहला सिक्का है, जिसका मूल्य 300 रुपये है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर का नाम सुनकर ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मातृशक्ति को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम देवी अहिल्याबाई की सोच को आगे बढ़ाता है। आज इंदौर में मेट्रो और सतना-दतिया में एयरपोर्ट की शुरुआत हुई है। ये सभी प्रोजेक्ट मप्र में सुविधाएं बढ़ाएंगे, विकास को गति देंगे और रोजगार के नए अवसर बनाएंगे। इस पवित्र दिवस पर विकास के इन सारे कामों के लिए पूरे प्रदेश को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर का नाम सुनकर ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उन्होंने प्रभु सेवा और जन सेवा, इसे कभी अलग नहीं माना। कहते हैं कि वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थीं। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व, कांटों से भरा ताज, कोई कल्पना कर सकता है, लेकिन लोकमाता ने अपने राज्य को नई दिशा दी। उन्होंने गरीब से गरीब को समर्थ बनाने का काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ढाई-तीन सौ साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना कि आने वाली अनेक पीढ़ियां उसकी चर्चा करें, ये कहना तो आसान है, करना आसान नहीं था। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर, हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेक मंदिरों का, हमारे तीर्थों का पुनर्निर्माण किया। मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया। आज अगर आप काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाएंगे तो वहां आपको देवी अहिल्या बाई की मूर्ति भी मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज अगर बेटियों की शादी की उम्र की चर्चा की जाए तो कुछ लोगों को लगता है कि सेकुलरिज्म खतरे में हैं। लेकिन देवी अहिल्याबाई ने ऐसी सामाजिक कुरीतियों पर चर्चा की। 250 साल पहले उन्होंने हमारे देश में नारी सुरक्षा टोलियों को बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि माता अहिल्याबाई ने गवर्नेंस का एक ऐसा उत्तम मॉडल अपनाया, जिसमें गरीबों और वंचितों को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई। रोजगार के लिए, उद्यम बढ़ाने के लिए उन्होंने अनेक योजनाओं को शुरू किया। उन्होंने कृषि और वन उपज आधारित कुटीर उद्योग और हस्तकला को प्रोत्साहित किया। खेती को बढ़ावा देने के लिए छोटी-छोटी नहरों का जाल बिछाया, उसे विकसित किया। उस जमाने में 300 साल पहले जल संरक्षण के लिए उन्होंने कितने ही तालाब बनवाए इस दौरान प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को एक बार फिर चुनौती दी। उन्होंने कहा कि गोली का जवाब गोले से मिलेगा। सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी। यही चुनौती उनके और उनके आकाओं को लिए काल बन गई। हमारी सेना ने दुश्मन के घर में सैकड़ों किमी दूर घुसकर उनके आतंकी ठिकानों को तबाह किया। ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सफल ऑपरेशन है।


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