पाकिस्तान को भारत की सैन्य ताकत और युद्ध में वजूद खत्म होने का है डर

asiakhabar.com | May 9, 2025 | 5:31 pm IST

नई दिल्ली। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने हाल ही में एक नेशनल इंटेलिजेंस एस्टिमेट (एनआईई) की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है, जिसे 1993 में तैयार किया गया था। इसका मकसद भारत और पाकिस्तान के बीच 1990 के दशक में युद्ध की संभावना का आकलन करना था। इसमें बताया गया है कि पाकिस्तान को भारत की सैन्य ताकत से डर लगता है और उसे अपने विनाश का भी डर है। इस दस्तावेज को फरवरी 2025 में सार्वजनिक किए जाने की अनुमति दी गई थी और अब यह अमेरिका की सरकारी वेबसाइटों पर उपलब्ध है।
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में यह दस्तावेज विशेष रूप से प्रासंगिक है। तीन दशक पहले किए गए विश्लेषण के कई बिंदु आज भी सच प्रतीत हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक युद्ध की संभावना को कम आंका गया था, लेकिन फिर भी इसे पांच में से एक की संभावना करीब 20 फीसदी के रूप में रेट किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध की शुरुआत कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से एक प्रमुख कारण बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। यह अनुमान हाल के घटनाक्रमों, जैसे पहलगाम में 28 लोगों की मौत का कारण बने आतंकी हमले के बाद और भी सटीक लग रहा है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत की सैन्य ताकत पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय थी। इसमें कहा गया कि पाकिस्तान अपने सैन्य बलों और देश के विनाश की आशंका से डरता है। इसके अलावा, दोनों देशों के परमाणु हथियारों को भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को भारत की पारंपरिक सैन्य ताकत के खिलाफ एक सुरक्षा बीमा के रूप में देखता है।
रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादियों में इतनी ताकत है कि वे बड़ी संख्या में भारतीय बलों को उलझाए रख सकते हैं। इसमें लिखा है कि नई दिल्ली ने पिछली वसंत ऋतु में कश्मीरियों से संवाद शुरू करने की कोशिश की थी ताकि राज्य में चुनाव कराए जा सकें। परंतु ये कोशिशें विफल हो जाएंगी क्योंकि नई दिल्ली की सख्त नीतियों से कश्मीरी नरमपंथी कमजोर हो गए हैं और कट्टरपंथी अड़ियल हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षाबल जम्मू-कश्मीर में एक अंतहीन प्रतीत होते उग्रवाद से जूझ रहे हैं। एलओसी पर गोलीबारी आम है, खासकर वसंत ऋतु में जब आतंकवादी सीमा पार करने की कोशिश करते हैं। इसमें यह भी कहा गया कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कूटनीतिक हथियार के रूप में करता है और जब भी घाटी में अशांति होती है, वह इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता है।


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