
राजीव गोयल लाला झाऊलाल को खाने-पीने की कमी नहीं थी। काशी के ठठेरी बाजार में मकान था। नीचे की दुकानों से 100 रुपया मासिक के करीब किराया उतर आता था। कच्चे -बच्चेे अभी थे नहीं, सिर्फ दो प्राणी का खर्च था। अच्छाा खाते थे, अच्छाच ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 23, 2020 | 5:38 pm IST