
शिशिर गुप्ता कुदरत का कैसा फरमान, पिंजरे में कैद हुआ इंसान?आज कुदरत के कानून के आगे मानव बेबस हो गया है। प्राणदायी प्रकृति ने इंसान को आईना दिखा दिया है। प्रकृति की वेदना को संवेदनहीन व धनलिप्सा में डूबा मानव दरकिनार कर रहा है। मगर ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | June 18, 2020 | 5:21 pm IST