
अधिकांश जनप्रतिनिधि संसद का प्रतिनिधित्व करते हुए किसी व्यापार, उद्योग एवं लाभ कमाने वाली ईकाई से सीधे नहीं जुड़े होते हैं, फिर उनकी धन-सम्पत्ति इतनी तेजी से कैसे बढ़ जाती है? यह विरोधाभास नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र का दुर्भाग्य है। वर्ष 2019 के आम चुनाव ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 26, 2019 | 5:20 pm IST