
धरती पर जीवन की रचना एक साथ हुई या उसका विकास धीरे-धीरे हुआ, यह अब विवाद का विषय नहीं रहा। चार्ल्स डार्विन ने जब 1859 में उद्विकास का सिद्धांत पेश किया, तब सारी दुनिया चौंक उठी थी। क्या हम चिंपैंजी की संतान हैं? क्या बंदर ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 4, 2018 | 1:25 pm IST