
दुखद तय को तो कोई नकार ही नहीं सकता कि देश में दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है। यद्यपि अब परिस्थितियों में बदलाव आया है, लेकिन अब भी एक बड़े वर्ग में उन्हें हीन मानने की भावना है, और इसके दुष्परिणाम हमें जगह-जगह देखने ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | January 7, 2018 | 4:47 pm IST