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सम्पादकीय / लेख

क्या सचमुच सिमट रही है दामन की प्रतिष्ठा?

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-प्रियंका सौरभ समय की करवटों ने जब फैशन के रेशों को बुना, तब परिधान भी परिवर्तनों की सीढ़ियाँ चढ़ते चले गए। परंतु क्या इस बदलाव ने "दामन की प्रतिष्ठा" को भी प्रभावित किया है? क्या आधुनिक वस्त्रों ने पारंपरिक गरिमा को बिसरा दिया, या फिर ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 28, 2025 | 4:53 pm IST

जागरूकता रहें ‘एकरूपता‘…!

संजय एम तराणेकर ये देखों छोटी-सी बात हैं जागरूकता, मामूली-सी है लगती न कोई रूकता। आदमी दुनिया में हैं सबसे मतिमान, उसी के हाथों हैं बहुत कुछ गतिमान। मानसिक शक्ति ही दे सकती है मति, जहॉ बुद्धिमत्ता विराजती है सरस्वती। ये देखों छोटी-सी बात हैं ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 28, 2025 | 4:51 pm IST

आखिर दुनियांभर में क्यों बढ़ रही बहाई धर्म के अनुयायी ?

डॉ. अजय कुमार मिश्रा इन्सान के जीवन की सबसे बड़ी ख़ोज में से धर्म एक है जिसके जरिये जीवन को जीने और परस्पर सहयोग समेत जीवन के अनेकों पहलुओं को समझने और आगे बढ़ना सिखाया जाता है | पर सभी धर्म के अनुयायी एक दूसरें ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 28, 2025 | 4:42 pm IST

अमृत की तलाश में महाकुंभ

समीरन भौमिक सत्यम शिवम सुन्दरम। जय हर हर महादेव. सत्व, रज: तम: इन तीन गुणों के संयोग से इस ब्रह्मांड की रचना हुई है। इस धारित्री के हृदय में सृजन, स्थिति और लय है। ब्रह्मा की शक्ति सरस्वती है, विष्णु की शक्ति लक्ष्मी है, देवदेव ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 25, 2025 | 1:38 pm IST

अध्यात्म से बदलें जनभावना

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आध्यात्मिकता विकास की चर्चा आम तौर पर ऐसे व्यक्तिगत प्रयास के रूप में होती है जिसमें ऐंद्रिक सुखों को संयमित कर तरह-तरह की विसंगतियों व आपाधापी से अपने को बचाते हुए गहरा संतोष प्राप्त किया जा सके। निश्चय ही आध्यात्मिक विकास बहुत सार्थक प्रयास है ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 11, 2025 | 4:49 pm IST

हे नारी योगदान तुम्हारा…

संजय एम तराणेकर हे नारी योगदान तुम्हारा स्वप्रमाणित, दायित्वों का निर्वाह करती द्विगुणित। हर कोई ये मानता ‘महिला का हाथ‘, माँ, पत्नी, बहन-बेटी जब देती साथ। हरेक परिवार का आधार होती महिला, सौम्य-शालीन परिपोषिका होती कला। हे नारी योगदान तुम्हारा स्वप्रमाणित, दायित्वों का निर्वाह करती ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 7, 2025 | 5:36 pm IST

सीखने की राह में नन्हे कदमों की चुनौतियाँ

अंजली कबडोला कंधार, गरुड़ बागेश्वर, उत्तराखंड गनीगांव, उत्तराखंड का एक शांत और मनोरम गांव है. बागेश्वर जिला स्थित गरुड़ ब्लॉक अंतर्गत यह गांव शहर से काफी दूर है. यहां की ठंडी हवाओं में बच्चों की खिलखिलाहट घुली रहती है, मगर उन मासूम हंसी के पीछे ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 7, 2025 | 5:35 pm IST

कुंभ समाप्त, अब चार धाम यात्रा की तैयारी कीजिए

अशोक मधुप वरिष्ठ पत्रकार कुंभ यात्रा लगभाग बीत गई । इसके बाद 30 अप्रेल से चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी।श्रद्धालुओं का जो काफिला कुंभ में दिखाई दिया ,ऐसा ही कमोबेश चार धाम यात्रा में नजर आने की आशा है ।कुंभ के सफल आयोजन की ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 5, 2025 | 5:12 pm IST

आखिर क्यों लोग वोट देने क्यों नहीं निकल रहे?

-डॉ सत्यवान सौरभ राजनीति और लोकतंत्र की ताकत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में निहित है। आखिरकार, मतदान एक महत्वपूर्ण शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, और हर मतदाता के लिए इसे पहचानना महत्वपूर्ण है। राष्ट्र हमारा है, और हमारा लोकतंत्र भी हमारा है। इस लोकतांत्रिक व्यवस्था ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 5, 2025 | 5:09 pm IST

उजियारे की आस में गांव

लूणकरणसर, राजस्थान हमारे देश में आज भी गांव और शहर के बीच बहुत बड़ा अंतर है. सुख सुविधाओं के मामले में अगर शहर अच्छा है तो गांव का वातावरण शहर की तुलना में बेहतर नज़र आता है. लेकिन बात जब बुनियादी सुविधाओं की आती है ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | March 5, 2025 | 5:07 pm IST