
-सीमा झा- हम अपेक्षा के सागर में डूबते-उतराते रहते हैं, यही हमारे दुखी रहने का कारण है। यदि हम दूसरों से अपेक्षाएं न लगाकर, दूसरों को बदलने के बजाय खुद को बदलें, तभी हम अपेक्षाओं के सागर के पार उतर सकेंगे। एक अरसे बाद मुलाकात ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | April 28, 2023 | 5:59 pm IST