
-गोवर्धन यादव- रात गहरा गई थी और राजा भोज तथा कवि माघ जंगल में भटक रहे थे। उन्हें जंगल से बाहर निकलने का मार्ग सूझ नहीं रहा था। काफी यहां-वहां भटकने के बाद, उन्हें एक स्थान पर दीपक का प्रकाश दिखाई दिया। दोनों रोशनी को ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | January 11, 2022 | 5:15 pm IST