
तनिष्क गुप्ता वर्षा घ्तु के समय एक गुरु और शिष्य लंबी तीर्थयात्रा पूरी करके अपनी कुटिया की ओर लौट रहे थे। दोनों थके, हारे कुटिया के निकट पहुंचे तो देखा कि कुटिया तो लगभग उजड़ी पड़ी है। आंधी, तूफान से कुटिया को बहुत नुकसान हुआ ...आगे पढ़ें asiakhabar.com | July 10, 2019 | 5:27 pm IST