
वंदना घनश्याला
लगता है अभी भी, नहीं सुधरोगे क्या???
इक सबक कम मिला, नहीं मानोगे क्या???
हमारे सब्र को मत्त परख लेना अब
क्रोध की ज्वाला का जबाब देना तब
सिंदूर कमजोरी नहीं ताकत को दर्शाता है
जिसे बचाने के लिए हर सैनिक लड़ जाता है
भारतवर्ष संतो महापुरुषों की परंपरा का पालन करता है
नहीं माने कोई दुश्मन?तो उसका कल्याण करता है!!!
आधुनिक भारत को तू कदापि नहीं रोक सकता है
बढ़े कदमों को कोई भी पीछे नहीं मोड़ सकता है
मोदी और योगी जी के संरक्षण में क्या ही कर सकता है?
विकसित भारत से मत्त ले पंगा अब तेरा क्या ही हो सकता है??
हर स्त्री में लक्ष्मी ही नहीं दुर्गा का रूप भी दिखता है
कदम बढ़ाया आगे तो सोच, पीछे रास्ता ना मिलता है
बड़े बड़ों को सबक सिखाया भारत ने अखंड भारत को तू क्या समझता है??
ऑपरेशन सिंदूर कई आ जाएँ चाहे ना कोई भारतीय इनसे डरता है
बच्चा बच्चा ललकारेगा जब युद्ध के लिए तब क्या तू पीछे मुड़ सकता है??
लगता है अभी भी, नहीं थमोगे क्या???
अपने देश की लाज नहीं रखोगे क्या??
लगता है अभी भी, नहीं सुधरोगे क्या???
इक सबक कम मिला, नहीं मानोगे क्या???