बेहद लाभदायक करियर है इमेज कंसल्टिंग

asiakhabar.com | March 13, 2024 | 5:06 pm IST
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इमेज कंसल्टिंग के तहत लोगों को अपने भीतर छुपी क्षमताओं को निखारने और साथ ही साथ उन क्षमताओं को सभी के समक्ष प्रदर्शित करने के लिए अपनी अपीयरैंस (दिखावट) के प्रबंधन हेतु मार्गदर्शन किया जाता है। इमेज कंसल्टिंग के तहत लोगों को परिधान पहनने व तैयार होने के ढंग, बॉडी लैंग्वेज, शिष्टाचार एवं सॉफ्ट स्किल्स के बारे में शिक्षित किया जाता है।
इमेज कंसल्टैंट व्यक्तिगत रूप से तथा समूह में कोचिंग प्रदान करते हैं। वे किसी एक व्यक्ति अथवा कम्पनियों को अपनी सेवाएं देते हैं। वे लोगों के लिए मुक्त कार्यशाला भी आयोजित करते हैं। इस क्षेत्र से जुड़े कार्यों में पर्सनल शॉपिंग, यूनिफॉर्म डिजाइन, इमेज मैनेजमैंट, पॉलिसी डिजाइन, स्टाइलिंग आदि भी शामिल हैं।
भारत में लगातार बढ़ती जा रही प्रतिस्पर्धा की वजह से अपनी इमेज मैनेज करना भी एक अहम जरूरत बन चुकी है। अधिक से अधिक लोग अब इस जरूरत को महसूस कर रहे हैं जिस वजह से देश में इमेज कंसल्टैंट की सेवाओं की मांग में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है।
यह ऐसा करियर है, जिसमें व्यक्ति अन्य लोगों के विकास का मुख्य सहयोगी बनता है तथा अन्य लोगों को और अधिक सफल बनाने से उसे सफलता मिलती है। यह क्षेत्र उन महिलाओं को करियर बनाने का दूसरा मौका देता है जिन्होंने कुछ समय के लिए अपने पहले करियर को छोड़ रखा हो। इमेज कंसल्टिंग बिजनैस इंस्टीच्यूट भारत में इमेज कंसल्टैंसी की शिक्षा तथा प्रशिक्षण देने वाला अग्रणी संस्थान होने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी एक प्रतिष्ठित संस्थान है। यह संस्थान इमेज कंसल्टिंग एवं बिजनैस प्रोग्राम संबंधी अनोखे पेशेवर कोर्स करवाता है।
इस संस्थान की डायरैक्टर सुमन अग्रवाल भारतीय उपमहाद्वीप की वरिष्ठतम इमेज कंसल्टैंट मानी जाती हैं। उनकी कहानी भी एक उत्तम प्रेरणा स्रोत है। उन्हें कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ी थी परंतु आज वह एक सफल उद्यमी तथा इस संस्थान की डायरैक्टर हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 2009 में की। यूनाइटेड किंगडम स्थित फैडरेशन ऑफ इमेज प्रोफैशनल इंटरनैशनल द्वारा उन्हें इमेज मास्टर अवार्ड से नवाजा गया जिससे वह भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक वरिष्ठ इमेज कंसल्टैंट बन गईं।
इमेज कंसल्टिंग में पहनावे के महत्व पर वह कहती हैं, 80 प्रतिशत से अधिक संवाद दृश्य होता है और पहनावा इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब भी आप किसी से मिलते हैं तो व्यक्ति का सबसे अधिक ध्यान सामने वाले के पहनावे पर ही जाता है। हालांकि यह बताना जरूरी है कि पहनावे के संबंध में कौशल एक इमेज कंसल्टैंट के पास होता है, वह सर्वश्रेष्ठ फैशन डिजाइनर समेत किसी अन्य पेशेवर के पास नहीं हो सकता है। महत्व बढिय़ा परिधानों का नहीं होता, बल्कि उस संदेश का होता है जो आप अपने पहनावे से सामने वाले को देना चाहते हैं। सही पहनावे को सुनिश्चित बनाने के लिए व्यक्ति को अपने काम, लक्ष्यों एवं मौके का ध्यान रखने के अलावा आकर्षक दिखने के लिए अपने शारीरिक ढांचे, रंग-रूप, चेहरे के आकार आदि पर भी गौर करना पड़ता है। उनके अनुसार इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए यह एक उत्तम एवं बेहद लाभदायक करियर साबित हो सकता है।
कैसे बनाएं इस क्षेत्र में करियर:- आप बारहवीं के बाद मास मीडिया में बैचलर (बीएमएम) डिग्री हासिल कर सकते हैं। अंतिम वर्ष के दौरान आप पत्रकारिता अथवा जनसम्पर्क में विशिष्टता हासिल कर सकते हैं। रोजगार अवसरों के संदर्भ में आप इमेज मैनेजमेंट में डिप्लोमा कर सकते हैं अथवा इमेज मैनेजमेंट में एडवांस डिप्लोमा कर सकते हैं। आपको प्रीमियम फैशन तथा लाइफस्टाइल कंपनियों में भी रोजगार मिल सकता है। आप मौजूदा रोजगार अथवा इसी तरह के अन्य रोजगार को भी व्यापक आकार दे सकते हैं। एक दक्ष इमेज कंसल्टेन्ट के रूप में आप क्लाइंट की आवश्यकता के अनुरूप किसी व्यक्ति विशेष अथवा निगमों को अनेक तरह से अपनी एक्सपर्ट इमेज कंसल्टिंग सेवाएं दे सकते हैं।
कार्य समय:-
सुबह 8 बजेः अखबार पढ़ना
सुबह 10 बजेः आंतरिक समीक्षा बैठक करना
दोपहरः क्लाइंट के साथ मीटिंग
शाम 4 बजेः मीडिया के साथ मीटिंग
शाम 6 बजेः मीटिंग
शाम 7 बजेः घर के लिए प्रस्थान
वेतन:-
प्रशिक्षु के लिए 5000 रुपए से 7000 रुपए मासिक
एग्जिक्यूटिव के लिए 12000 रुपए से 25000 रुपए मासिक
प्रबंधकीय स्तर पर 25000 रुपए से 45000 रुपए मासिक
वरिष्ठ प्रबंधक के लिए 45000 रुपए से 70000 रुपए मासिक
एक सहायक निदेशक को एक लाख रुपए मासिक और एक निदेशक को डेढ़ लाख रुपए या इससे भी अधिक वेतन प्राप्त हो सकता है।
कौशल:-
अभिव्यक्ति क्षमता में दक्ष (मौखिक या लिखित)
अंतर्वैयक्तिक दक्षता
बहुआयामी कार्य करने में समर्थ
सुनियोजित और रणनीतिक योजना
रचनात्मक रुझान
अनुकूलनशीलता
फायदे और नुकसान:-
आपका मशहूर हस्तियों और राजनीतिज्ञों से सम्पर्क बढ़ सकता है।
काफी यात्रा करनी पड़ सकती है।
कार्यालय में लंबे समय तक बैठना।
लंबे समय तक संघर्ष के कारण कुछ लोगों की इस क्षेत्र में रुचि नहीं भी हो सकती।
संस्थान:-
जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुम्बई
सिम्बायोसिस इंस्टीटय़ूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पुणे
मुद्रा इंस्टीटय़ूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली-तीन शाखाएं
इमेज कंसल्टिंग बिजनेस इंस्टीटय़ूट, मुम्बई


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