बच्चों, आओ जानें बरसात में क्यों दिखता है इंद्रधनुष

asiakhabar.com | October 8, 2017 | 5:16 pm IST

बच्चों, बारिश के मौसम में इंद्रधनुष का आनंद आपने कभी न कभी जरूर लिया होगा। यह तब देखने में आता है जब सूर्य का प्रकाश और बारिश एक साथ उपस्थित हों। ऐसे मौसम में अक्सर शाम के समय पूर्व दिशा में और सुबह के समय पश्चिम दिशा में इंद्रधनुष देखा जा सकता है। आकाश में धनुष के आकार में सात रंगों वाला इंद्रधनुष देखना वाकई बड़ा रोमांचकारी होता है। बहुत लोग इसे कैमरे में कैद भी करते हैं। इंद्रधनुष बनने की क्रिया को सर्वप्रथम फ्रेंच वैज्ञानिक देकार्ते ने समझाया था उनके अनुसार इंद्रधनुष बनने का कारण प्रकाश का विवर्तन (डिफ्रैक्शन) होता है।

धार्मिक कथाओं में इंद्रदेव को बारिश का देवता कहा जाता है शायद इसीलिए बारिश के समय आकाश में दिखने वाली रंगबिरंगी इस धनुषनुमा आकृति को इंद्रधनुष नाम से पुकारा जाता है। आकाश में इंद्रधनुष बारिश के समय में ही क्यों दिखाई देता है इसका वैज्ञानिक कारण भी है। आईये जानते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार दरअसल सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना होता है जो सम्मिलित रूप में हमें सफेद रंग का दिखाई देता है, बारिश के मौसम में जब सूर्य की किरणें बादलों से गिरती पानी की बूंदों पर पड़ती हैं तो सूर्य का प्रकाश इन बूंदों के द्वारा परावर्तित होकर अपने सात रंगों में बिखर जाता है। सूर्य के प्रकाश के पानी की बूंदों में पड़कर बिखरने की यह प्रक्रिया प्रकाश के अपवर्तन तथा परावर्तन के रूप में जानी जाती है, इसके परिणामस्वरूप ही हमें सात रंगों वाला इंद्रधनुष दिखाई देता है। विज्ञान में इस प्रक्रिया को प्रकाश का वर्ण विक्षेपण या रंगों का बिखराव भी कहते हैं। बारिश की बूंदें जितनी बड़ी होती हैं इंद्रधनुष भी उतना ही बड़ा और स्पष्ट बनता है।

दोस्तों, इंद्रधनुष को सिर्फ आकाश में ही नहीं बल्कि जमीन या किसी दीवार पर भी देखा जा सकता है ऐसा इनके आसपास कहीं पानी या वाष्प होने व उस पर सूर्य की किरणें पड़ने तथा उनका परावर्तन दीवार या जमीन पर होने अथवा वैज्ञानिक तरीके से संभव है। भौतिकीय ऑब्जेक्ट प्रिज़्म की सहायता से भी प्रकाश के सात रंगों का परावर्तन आसानी से देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि इंद्रधनुष में सूर्य के प्रकाश के सात रंगों की जमावट एक विशेष क्रम नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी, व बैंगनी रंगों के क्रम में होती है। रंगों के इस क्रम को हिन्दी में ‘बैजानीहपीनाला’ और अंग्रजी में ‘विबग्योर’ नाम से शार्ट रूप में आसानी से याद रखा जा सकता है।


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